ये इक्कसवी सदी की कितनी खूबसूरत तस्वीरे है? एक लफंगे ने कहा कि 'उसने हुज़ूर की शान में गुस्ताखी की है', सारे लफंगों के होश उड़ गए. लफंगों का हुजूम 'नारा -ए-तकबीर-अल्लाहु अकबर' लगाता हुआ भंगियो (पाकिस्तान में सफाई कर्मचारी इसाई है; ६५ साल में भी ये मुसलमान क्यों नहीं हुए यहाँ अलग बहस का मौजू है) के मुहल्ले, जोसेफ कालोनी लाहौर पाकिस्तान में उस कथित अपराधी बब्बी को ढूंढने निकल पड़ा, वो नहीं मिला तो उसकी जात-बिरादरी-धर्म के लोगों के कोई १५० घरो को जला दिया. इन सुहानी तस्वीरो में, तबाही पर ताडंव नृत्य करते 'मज़हब के रखवालो' को साफ़-साफ़ पहचाना जा सकता है.
राजनीतिक इस्लाम अगर एक फासीवादी विचारधारा है तो 'ईश निंदा' उसका प्रमुख अस्त्र है. ऐसे बर्बर कानून की जरुरत उन बर्बर ताकतों को होती है जिन्हें ये नज़ारे देखने में अच्छे लगते है और जिन्हें अपनी इन्ही शैतानी कार्यवाहियों को हर रोज़ अंजाम देने की इच्छा रहती है. पाकिस्तान में ये अनासिर अब तकरीबन हर घर में मौजूद है. भारत में भी अब इनकी तादाद अच्छी खासी बढ़ रही है. एक कथित बहुजन स्वामी नेता की मूढ़ता की परिकाष्ठा उसके बैनर पर 'इस्लामवाद जिंदाबाद' के नारे तक मे देखी जा सकती है.
ये आग ...मेरे और आपके दरवाज़े पर कल पहुँच जाए तो ताज्जुब न कीजियेगा..सऊदी अरब का पैसा मस्जिदों-मदरसों के जरिये सड़क पर आतंक के रूप में एक 'सलफी' सच्चाई को बयान कर रहा है.
राजनीतिक इस्लाम अगर एक फासीवादी विचारधारा है तो 'ईश निंदा' उसका प्रमुख अस्त्र है. ऐसे बर्बर कानून की जरुरत उन बर्बर ताकतों को होती है जिन्हें ये नज़ारे देखने में अच्छे लगते है और जिन्हें अपनी इन्ही शैतानी कार्यवाहियों को हर रोज़ अंजाम देने की इच्छा रहती है. पाकिस्तान में ये अनासिर अब तकरीबन हर घर में मौजूद है. भारत में भी अब इनकी तादाद अच्छी खासी बढ़ रही है. एक कथित बहुजन स्वामी नेता की मूढ़ता की परिकाष्ठा उसके बैनर पर 'इस्लामवाद जिंदाबाद' के नारे तक मे देखी जा सकती है.
ये आग ...मेरे और आपके दरवाज़े पर कल पहुँच जाए तो ताज्जुब न कीजियेगा..सऊदी अरब का पैसा मस्जिदों-मदरसों के जरिये सड़क पर आतंक के रूप में एक 'सलफी' सच्चाई को बयान कर रहा है.
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