मानव सभ्यता का
संभवत: सर्वप्रथम विश्वविद्यालय 'तक्षशिला विश्वविद्यालय' की मेजबानी करने वाला देश अफगानिस्तान आज लड़कियों की शिक्षा का सबसे
प्रबल विरोधी क्यों बन गया है ? अफगानिस्तान स्थित इस्लामी ताकते लड़कियों के
स्कूलों में छात्राओं को कभी जहर देकर, कभी खतरनाक गैस फैलाकर, तो कभी डरा धमका कर
ऐसा माहौल पैदा कर रही है कि लड़कियाँ पढ़ न सकें. २००१ के बाद करजई हकूमत के शिक्षा
मंत्रालय ने ५५० छात्राओं के स्कूलों को सुरक्षा कारणों के चलते बंद किया है,
जिससे देश के ११ प्रान्तों में तीन लाख से अधिक छात्राएं प्रभावित हुई है.
गत गुरूवार को ताखर
सूबे की राजधानी तालूकान के बीबी हव्वा गर्ल्स हाई स्कूल की ७४ छात्राओं को एक
अन्जानी गैस के रिसाव के चलते अस्पताल में दाखिल कराया गया है, पिछले साल से अब तक
ऐसी चार घटनाएँ हो चुकी है. यह इलाका मुल्सिम कट्टरपंथी ताकतों का प्रभाव क्षेत्र
माना जाता है. ये काली ताकते अफगान समाज की लड़कियों में शिक्षा के प्रचार प्रसार को लेकर सर्वाधिक चिंतित
है..इत्तेफाक से इस्लाम का अफ़ग़ान छाप ब्राण्ड इन दिनों भारत-पाकिस्तान सहित अन्य कई मुल्को में प्रचलित है..दुनिया को
फिर अँधेरे की तरफ ले जाने वाली ताकतों के विरूद्ध जनता का जन युद्ध ही इसे परास्त
कर सकता है. अमेरिका का पैदा किया हुआ यह जिन्न अब उसके काबू से बाहर हो चुका है. इस काले सांप
का फन सिर्फ और सिर्फ जनता के पैर ही कुचल
सकते है ...आपकी गली मुहल्ले में इनसे
मिलाता जुलता कोई भी मिले उसका प्रतिकार करना मानव जाति के प्रति सबसे बड़ा उपकार
होगा.
http://www.policymic.com/articles/36945/afghan-girls-school-poisoning-74-girls-poisoned-in-suspected-taliban-gas-attack
फोटो सौजन्य : गूगल
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